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मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है
मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है

मंत्र सिद्धि की श्रेष्ठ विधि
मंत्र सिद्धि :-
मंत्र क्या है, मंत्र जप से सारी समस्या ठीक कैसे हो जाते हैं , उन मंत्रो में ऐसा क्या है जिससे अगर हम उन्हें बोलते हैं तो हमें बहुत फायदा होता है ,हमारी सारी प्रॉब्लम ठीक हो जाती है ,क्या कभी आप लोगों ने यह बात सोची है कि मंत्र बोलने से ऐसा क्यों होता है ।
मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है, जीससे सारी समस्या ठीक हो, और ऐसा मंत्रों में क्या है, क्या शक्ति है कि जब हम उन्हें बोलते हैं हमें अंदर से महसूस होता है ,कि अब हमने मंत्र को पढ़ लिया अब हमने मंत्र को इतनी बार जप लिया तो अब हमारे साथ अच्छा ही होगा । जब हम यह सब चीजें महसूस करते हैं ऐसा क्यों होता है ? This is our topic today मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है को पूरा पढ़ें ताकि हम मंत्रों के लिए चर्चा कर सकें और आप कुछ समझ सकें कि मंत्रों का सही अर्थ क्या है ।
मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है
कुछ साइंटिस्ट है जो इस बात यानि मंत्र विज्ञान पर रिसर्च कर रहे थे ,उन्होंने इस पर रिसर्च किया कि मंत्रों का सही अर्थ क्या है ,तो उन्होंने यह नतीजा निकाला की मंत्रों का जो संबंध है ध्वनि से है, सीधा संबंध उसका ध्वनि से है यानी कि साउंड सिस्टम से है ।
मंत्र और ध्वनि
डा़ नारायण के अनुसार हर एक शब्द की फ्रीक्वेंसी और व लेंथ होती है जिससे वह मंत्र काम करता है ,अगर हम पुराने तरीकों या वैदिक तरीकों को देखें , हमारे वेदों में जो मंत्रों की रचना है मंत्रों के लिए जो भी विवरण दिए गए हैं वह बहुत लंबे और बहुत ही रहस्य मयी है, जिनको समझना हमारे नॉरमल इंसानों के बस की बात नहीं है ,इसलिए आज यहां पर मैं बहुत ही सिंपल भाषा का प्रयोग करूंगा ताकि साइंटिफिक तरीके से हम मंत्रों को समझ सके कि आखिर मंत्रों का रहस्य क्या है । मंत्रों के लिए सबसे पहला जो नियम है वह संकल्प लेना कोई भी मंत्र हो वैदिक मंत्र तांत्रिक मंत्र शाबर मंत्र हो।
मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है
संकल्प साधना ईसे भी पढें https://mantragyan.com/sadhnaye/sankalp-sadhna-vidhi-2/
मंत्र सिद्धि का नियम :-
1. संकल्प लेना :-
हर किसी मंत्र को पढ़ने से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी होता है आखिर संकल्प क्या है ?संकल्प शक्ति है जब हम किसी चीज के लिए संकल्प लेते हैं तो हम सात बद्ध हो जाते हैं कि इस काम को हम तब तक पूरा करेंगे जब तक हमारी इच्छा की पूर्ति नहीं हो जाती ।
संकल्प लेना
2.उच्चारण:-
मंत्र का जो दूसरा नियम है वह मंत्र का सही उच्चारण ऐसा इसलिए है क्योंकि हर शब्द की अपनी एक वेवलेंथ एंड फ्रिकवेंसी होती है और हर एक वर्ड का जो अस्तित्व है उसी फ्रीक्वेंसी पर डिपेंड करता है इसीलिए हर शब्द उसी प्रकार असर करेगा जिस प्रकार उसका उच्चारण किया जाएगा ।इस बात को ध्यान में रखना आवश्यक होता है कि किस प्रकार शब्द को बोला जाए ।
3. जप संख्या :-
तीसरी और महत्वपूर्ण बात है मंत्र जप करते वक्त उनकी निश्चित संख्या याने प्रत्येक दिन आपको इतने माला जप करनी है और निश्चित समय पर करना हैं, किसी फीक्स संख्या में जप किया जाए तो, मंत्रों का बहुत ही अच्छी रिजल्ट मीलता है और देखा भी गया है ऐसा करने से काफी अच्छे रिजल्ट मीलता हैं ।
4.नीश्चीत समय मंत्र जप :-
चौथी महत्वपूर्ण बात है निश्चित समय में जब करना याने हमें जिस समय मंत्र जप करते हैं उसी समय प्रत्येक दिन मंत्र जाप करना है , इसका विज्ञान है कि जिस समय हम भोजन करते हैं उसी समय भूख लगती है जिस समय हम सोते हैं उसी समय निद्रा आती है तो ठीक उसी समय आपको ध्यान करना है या जप करने से असानी से आपका मन मंत्र जाप में लगेगा ।
चलिए यह तो थी वैदिक विधियां है, किस प्रकार पुरातन समय में जो लोग थे ऋषि मुनि थे वह मंत्रों का जप करते थे ,परंतु आज का समय टेक्नोलॉजी का यूग है, इस टेक्नोलॉजी के युग में हर चीज आसान होती जा रही है इस समय में मंत्रों का इस प्रकार से जप करना आप को कठिन लगे लेकिन यैसा ही जप करने से संही लाभ मीलेगा।
कम समय में तुरंत लाभ देने वाल विधि माने तुरंत परिणाम देने वाली विधियां ,कम से कम समय में मंत्र को सिद्ध कर सके । हर समस्या के लिए मंत्र को खुद बना सकते हैं और किस प्रकार से मंत्रों को सिद्ध कर सकते हैं और बहुत ही आसान और बहुत ही छोटे से तरीके से मैं आपको यह समझाने की कोशिश यहां करूंगा ।
मंत्र का अर्थ :-
मंत्र के नए अर्थ को समझने की कोशिश करते हैं मंत्र का अर्थ है कि जिस शब्द को बार बार बोलने से वह शक्ति को अर्जित करें वह एक मंत्र है,दिन के हर समय में हमारे मन में कई विचार चलते हैं ,और ईन विचार की संख्या कई बार हजारों में तो कई बार लाखों में भी होती है, इनका कोई भी समय ऐसा नहीं होता जब हमारा मन सांत हो या हमारे मन में कोई विचार ना हो तो आज हम अपने इन्हीं विचारों को इन्हीं विचारों की जनसंख्या को मंत्र जप संख्या में कन्वर्ट करना सीखेंगे ,कि किस प्रकार से हम अपने जो लाखों की संख्या में हमारे विचार हैं उन्हें हम चेंज करके एक मंत्र जप संख्या के रूप में यूज कर सकते हैं यहां हम एक एग्जांपल लेकर इसे समझने की कोशिश करते हैं।
मंत्र के द्वारा किसी भी ईच्छा को सत्य करने की विधि :-
आज का जो युग है वह मैटेरियलिस्टिक यूग है हर किसी को चाहिए पैसा हर किसी को चाहिए अच्छा हेल्थ तो।
ईन विचार को अगर अपने ईच्छा में शामिल कर ले तो एक मंत्र को क्रिएट कर सकते हैं कहा जाता है कि अगर आप किसी विचार को फिजिकल रूप देना चाहते हैं यानी कि उसे सच में घटता हुआ देखना चाहते हैं तो आप उस विचार को रिपीट करना शुरू कर दे ।
अब जितनी बार आप उसे रिपीट करेंगे उतना ही जल्दी वह फिजिकल रूप लेना शुरू हो जाएगा,आप अमीर बनना चाहते है तो आप इस बात को इस विचार को अपने मन में ले आए की आप बहुत अमीर है आपके पास बहुत सारा पैसा है जब आप इस बात को बहुत ज्यादा बार रीपीट करेंगे तो यह सच में घटित होने शुरू हो जाएगी ,हमारा मन जो है वह चंद्रमा का रूप है और बिलकुल पानी की तरह है यह उस तरह की बहना शुरू हो जाता है जहां पर इसको राह मिलती है इसलिए ,जब हम किसी विचार को बार-बार रिपीट करते हैं तो यह बिल्कुल उसी तरह से होता है जैसे किसी पत्थर पर हम धीरे-धीरे पानी की जो एक बूंद है वह रोज गिरती है और अंत में उस पत्थर पर निशान पड़ने लगता है अगर कोई विचार बार-बार हम रिपीट करेंगे तुम्हारा मन जैसा भी हो एक ना एक दिन उसको फिजिकल वर्ड में कन्वर्ट करना शुरू कर देगा ,
इस प्रकार से आप सिर्फ धन के लिए ही नहीं बल्कि अपने जीवन में किसी भी समस्या के लिए चाहे आप बीमारी से ग्रस्त हो आपको कोई टेंशन हो आपको कोई नौकरी चाहिए कोई भी समस्या हो आप अपना मंत्र खुद बना सकते हैं और उस मंत्र को आप अपने विचारों में लेकर आए और उसे रोज रिपीट करें ।
मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है
आपको करना सिर्फ इतना है कि जो भी घटना को आप सत्य करना चाहते हो
1. चाहे वह नौकरी हो
2.रोजगार धंधा हो
3.गुड हेल्थ
आपको उन बातों को मंत्र की तरह आपको रिपीट करना है विश्वास करना है कि आप में सच में वह घटना घट रही है
की आप की बीमारी ठीक हो रही है ,आप बिल्कुल स्वस्थ है , कि आपको नौकरी मिल गई है ,तो आप देखिएगा की कितनी जल्दी से यह विचार आपके फिजिकल रूप में कन्वर्ट होना शुरू हो जाएगी इस लेख के मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है जरिए मेरा यह समझाने का मोटर सिर्फ यही था कि जरूरी नहीं है कि हम बड़े-बड़े पूजा-पाठ या बड़े-बड़े तीर्थ यात्रा करें
हम अपने जीवन में बहुत ही सरलता के साथ किसी भी अपने एक विचार को अपने मंत्र में संकल्प के द्वारा सत्य में कन्वर्ट कर सकते हैं और उसे बहुत ही अच्छे तरीके से किसी भी समस्या को हल कर सकते हैं । यहां भी आपको जो पुरातन मंत्रों की तरह तीन चीजों को फॉलो करना होगा पहले जो चीज मैंने बताई है।
1.संकल्प :-
संकल्प शक्ति यानी की इच्छा शक्ति की उस विचार को आप तब तक रिपीट करेंगे जब तक यह फिजिकल फॉर्म में कन्वर्ट नहीं हो जाता है।
2. श्रद्धा :-
दूसरा जो है मंत्र में श्रद्धा,
3. मंत्र चैतन्य हो :-
मंत्र गुरू द्वार प्रदत्त हो ,माने मंत्र चैतन्य हो
4. जप संख्या निश्चित हो :-
मंत्र जप संख्या निश्चित हो और समय भी निश्चित होमंत्रों की संख्या यानी के मंत्रों को उनकी निश्चित संख्या के अनुसार जप जरूरी होता है अपने विचारों को जितनी अधिक बार आप रिपीट करेंगे अपने सारे विचारों को एक विचार में ही कन्वर्ट कर लीजिए और उसी को ही सारा दिन सोचिए तो बहुत ही जल्दी फिजिकल रूप लेना शुरू कर देगा ।
यही जो 4 नियम है आपने आज के युग में भी फॉलो करने हैं और उसके बाद आप देखिएगा कि कितनी जल्दी जो आपके अच्छे विचार हैं वह फिजिकल रुप ले लेते हैं !
अधिक जानकारी के लीये युटुब पर देखें Youtube.com/mantragyan
Focus Word :-
मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है आप बधाई के पात्र हैं क्योंकि आपकी सारी समस्या हल होने वाली है इसलिए जो भी बात बताई गई है अगर उसे आप श्रद्धा पूर्वक अपने गुरु से आशीर्वाद लेकर साधना करते हो या अपने विचारों को मंत्र के रूप संकल्प के द्वारा कन्वर्ट करते हो मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ विधि क्या है अगर आपके द्वारा एक भी व्यक्ति अपनी समस्या को हल कर पाया इस विधि के द्वारा तो आपको महा पुण्य होगा तो साधको तक शेयर जरूर करें।
मैं परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि आपकी सारी समस्या हल हो और आपका मन साधना में लगा रहे परमात्मा की भक्ति में लगा रहे ।
धन्यवाद