
Meditation life me Kaise Sahayak ha
Meditation life me Kaise Sahayak ha

Life me Success
Meditation या Life की किसी भी क्षेत्र में Success पाना हर कीसी का उद्देश्य है, but जो अपने गुरू के बताये मार्ग पर श्रद्धा और विश्वास नहीं करता उन्हें हजारों जन्म लगेंगे। चाहे वह कितना ही प्रक्रिया करे अंत में धोखा खायेगा, so guru के बताये विधि से साधना या किसी भी कार्य को करने से असानी से success पाया जा सकता है।
Meditation life me Kaise Sahayak ha
अपने दिल में छुपे प्रमात्मा को जो न जगा कर सीर्फ संसार में, भोग मे ही आनंद मानता है वह बडा अभागा है। and जो अपने चित्त की जो रक्षा नही करता है वो चाहे कितने मंदिरों में जाए, कितने मस्जिदों में जाए, कितने गिरजा घरों में जाए, because अपने दिल में आत्म घर में जाने का द्वार बंद कर देता है ,तो गिरजा घर में या मंदिर मस्जिद में भी खुदा नही मिलता ! अगर जिसने अपने हृदय की रक्षा किया वो मंदिर में जाता है तो उसके आगे मंदिर के भगवान भी, .. “वास्तव में कण कण में भगवान है “तो मूर्ति में भी उसको भगवान के दर्शन हो सकते है।
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जो स्नेहियों में, कुटुम्बियों में, समाज के पिछड़े हुए लोगों में ,परमात्मा निहार नही सकता है वो मरने के बाद किसी लोक में जाकर भगवान को देखे ये बात गले नही उतरती।
परमात्मा तो सर्व व्यापक है, सर्वत्र है, जितना हमारी वृत्ति तदाकार यानी एकाग्र होती है , प्रेम उभरता है उतना ही वो परमात्म रस से भरती है and देर सवेर हमारे आवरण भंग हो जाते है, अज्ञानता मीट जाती है ! परमात्मा का साक्षात्कार हो जाता है !
Meditation life me Kaise Sahayak ha
विराग, अनासक्ति, इन्द्रिय-विषयक भोगविलासों के प्रति उदासीन हुए बिना किसी को ईश्वर, गुरू कृपा नहीं हजम होगी । मन के सहकार के सिवाय इन्द्रियों से कुछ नहीं हो सकता। मन को गुरूकृपा से ही गुरू पर “श्रद्धा, विश्वास से “वश में किया जा सकता है।
जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई है वही व्यक्ति अपने गुरू पर श्रद्धा, वीश्वस खोयेगा। and जीस व्यक्ति ने गुरू श्रद्धा सीख लीया उन्हें कोई और साधना या भाग्य संवारने के लिये कीसी भी देवी देवता के आगे गीड गीडाने की जरूरत नहीं पडेगी , because उसकी सोई हुई भाग्य की रेखा खुल जाएगी ।
योग, गुरू भक्ति से, मन और प्राण को आप जितना चाहें सूक्ष्म कर सकते हैं, उन्नत कर सकते हैं। सूक्ष्म यानी छोटा नहीं अपितु व्यापक। अर्थात् अपनी वृत्ति को सूक्ष्म करके व्यापक बना सकते हैं। जैसे बर्फ वाष्पीभूत होकर कितनी दूरी तक फैल जाती है ? उससे भी अधिक आपके मन और प्राण को सूक्ष्म कर साधना के माध्यम से अनन्त-अनन्त ब्रह्माण्डों में अपनी व्यापक चेतना का अनुभव आप कर सकते हैं।
Because उस अनुभव के समय आपके संकल्प में अद्भुत सामर्थ्य आ जाएगा and आप इस प्रक्रिया से नई सृष्टि बनाने का सामर्थ्य भी प्राप्त कर सकते है यैसा शास्त्र कथन है।
👉उदाहरण just like :-
जैसे विश्वामित्र जी ने ,गुगती पक्षी, ज्वार, बाजरा, नारियल आदी बना दिया।
तो आप भी योग करे और अपने शुप्त शक्ति को जागृत करें, कुंडली जागरण की विधि हमारे यूटूब चैनल पर डली है।
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Nithya Sadhana Karke apni Shakti ko Jagaya Ja sakta hai ,to aap Der Na Kare Hamare channel par Sadhna Hai Jise aap Dekhe and kisi aap Sadhana ko kar sakte ho and apni supte Shakti ko Jaga kar Anand prapt kare. But aapko Shraddha Vishwas rakhne Hogi, Hamare likhe lekh par. Is article Meditation life me Kaise Sahayak ha ko sadhko me, share Karke, puny labh Jarur kamaye .
dhanyavad