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Nukshan Se Bachne Ke Vidhi
Nukshan Se Bachne Ke Vidhi सभी के जीवन में यैसा होता है की हमारे नहीं चाहने के बावजूद आर्थिक, भौतिक या आध्यात्मिक नुकसान हो जाता है, और हम जब तक समझते पछतावे के सीवा कूछ नहीं बचता ईस लेख में Nukshan Se Bachne Ke Vidhi बताई गई है जीसका पालन करने से Arthik Nukshan Se और adhyatmik Nukshan Se बच सकते हो।
Nukshan Se Bachne Ke Vidhi
🌷 *छोटे-बड़े नुकसान से बचने के लिए* 🌷
🙏🏻 *धर्म-ग्रंथों में ऐसी कई बातें बताई गई हैं, जीससे Nukshan Se Bachne Ke Vidhi को जान कर, जिनका ध्यान हर किसी को रखना बहुत ही जरुरी होता है। ग्रंथों में तीन ऐसी परिस्थितियां बताई गई हैं,जिनमें मनुष्य को बहुत ही सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए। इन परिस्थितियों में बिना सोचे-समझे लिए गए फैसले आपके लिए कई तरह के नुकसानों का कारण बन सकते हैं।*
🌷 *श्लोक-*
*अनालोक्य व्ययं कर्ता ह्मनर्थः कलहप्रियः।*
*आतुरः सर्वक्षेत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति।।*
👉🏻 *बचे रहना चाहते हैं हर छोटे-बड़े नुकसान से तो ध्यान रखें ग्रंथों में बताई ये 3 बातें*
1⃣ *बिना सोचे-समझे खर्च करना*
*कई लोगों को पैसों का मूल्य नहीं पता होता। वे मुनाफा या सैलेरी आते ही उसे खर्च करने के बारे में सोचने लगते हैं । पैसा खर्च करने से पहले अपने वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के बारे में भी सोचना बहुत ही जरुरी होता है। जो मनुष्य बिना आगे-पीछे की सोचे पैसों को हर जगह खर्च करता रहता है, उसे आगे चलकर कई परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता ही है।*
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2⃣ *हर काम में जल्दी दिखाना*
*ग्रंथों में धैर्य रखने की बात कही जाती है। जिस मनुष्य के अंदर धैर्य और शांति की कमी रहती है, वे हर काम में जल्दबाजी करते हैं । ऐसे में कई बार काम बिगड़ जाते हैं। किसी भी काम को करने के पहले उसके बारे में अच्छी तरह से विचार करना बहुत ही जरुरी होता है। जो मनुष्य बिना विचार किए हर काम में जल्दी दिखाता है, उसे कई तरह के नुकसानों का सामना करना पड़ता है।*
3⃣ *हर बात पर झगड़ा करना*
*कई लोग गर्म मिजाज के होते हैं। छोटी-छोटी सी बातों पर भड़क जाते हैं और लड़ने-झगड़ने लगते हैं । छोटी-छोटी सी बातों पर गुस्सा होना या दूसरों से लड़ने लगना मनुष्य की सबसे बुरी आदतों में से एक मानी जाती है। जो मनुष्य इस तरह के स्वभाव का होता है, उसे अपनी आदत की वजह से कई बार सभी के सामने शर्मिदा होना पड़ता है। ऐसे स्वभाव की वजह से वे भविष्य में मिलने वाले कई अवसरों को भी खो देते हैं।*
Adhyatmik Nukshan
आध्यात्मिक नुकसान न हो उसके लिये सदा सजग रहना चाहिए।
1.नीत्य नियम का पालन करें, मंत्र जप, यानी संध्या करें
2. सत्संग नित्य करें।
3.नीत्य ध्यान करे।
4.समय – समय में अपने गुरू के सानीध्य में साधना करते रहें।
Focus word
पानी को उपर लेजाना में परिश्रम लगता है लेकिन नीचे गिरने में आसानी है ठीक यैसे ही धन कमाने में ईजज्त कमाने में कठीनता है, Nukshan Se Bachne Ke Vidhi अपनाकर अपने गाड्ही कमाई की रक्क्षा करें, सदा गुरू मंत्र का जाप करते रहे और अपने गुरू का सानीध्य अवश्य प्राप्त करें जिससे आध्यात्मिक नुकसान की भरपाई हो Nukshan Se Bachne Ke Vidhi लेख साधको में सेयर करने का सेवा कर पुन्य लाभ पायें यह भी Nukshan की भरपाई का तरीका है।
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